वित्तीय वर्ष 2025 (Budget 2025) में इनकम टैक्स के नियमों में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। ये बदलाव हर करदाता को प्रभावित करेंगे, चाहे वह नौकरीपेशा हो, व्यवसायी हो, या फ्रीलांसर। सरकार ने इन संशोधनों का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन देना, और ईमानदार करदाताओं को राहत प्रदान करना बताया है। अगर आप पैसा कमाते हैं, तो इन बदलावों को समझना बेहद जरूरी है।
2025 में इनकम टैक्स के प्रमुख बदलाव
1. नया टैक्स स्लैब (Revised Tax Slab)
सरकार ने टैक्स स्लैब को संशोधित किया है, जिससे मध्यमवर्गीय और सैलरीड कर्मचारियों को राहत मिलेगी। नई स्लैब संरचना इस प्रकार है:
आय सीमा (₹) | टैक्स दर (%) |
---|---|
0 – 3,00,000 | कोई टैक्स नहीं |
3,00,001 – 6,00,000 | 5% |
6,00,001 – 12,00,000 | 10% |
12,00,001 – 15,00,000 | 20% |
15,00,001 और अधिक | 30% |
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
2025 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹60,000 किया गया है। इससे सैलरीड कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त राहत मिलेगी।
3. नई छूट और कटौतियां (New Exemptions and Deductions)
सरकार ने कुछ नई छूट और कटौतियां लागू की हैं:
- सेक्शन 80C: छूट सीमा ₹1,50,000 से बढ़ाकर ₹2,00,000 की गई।
- होम लोन पर ब्याज: ₹2,00,000 की छूट को बढ़ाकर ₹2,50,000 कर दिया गया।
- NPS योगदान: अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी ₹1,00,000 तक की अतिरिक्त छूट।
4. वरिष्ठ नागरिकों को विशेष लाभ
वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा ₹3,00,000 से बढ़ाकर ₹5,00,000 कर दी गई है। साथ ही, 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पेंशनभोगियों को टैक्स रिटर्न भरने की अनिवार्यता से छूट दी गई है।
5. डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा
- UPI और ऑनलाइन भुगतान: डिजिटल लेन-देन पर टैक्स में छूट मिलेगी।
- नकद निकासी: ₹1 करोड़ से अधिक नकद निकासी पर अतिरिक्त 2% टीडीएस लागू।
इनकम टैक्स के नए नियमों का लाभ कैसे उठाएं?
इन बदलावों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इन बिंदुओं को ध्यान में रखें:
- नई और पुरानी टैक्स प्रणाली का चयन करें:
- दोनों टैक्स प्रणालियों की तुलना करें और अपने लिए सबसे फायदेमंद विकल्प चुनें।
- टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स का उपयोग करें:
- PPF, NPS, ELSS, और टैक्स सेविंग FD जैसी योजनाओं में निवेश करें।
- टैक्स प्लानिंग समय पर करें:
- वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही टैक्स प्लानिंग शुरू करें।
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2025 में टैक्स नियमों का आर्थिक प्रभाव
- मध्यमवर्गीय राहत: टैक्स स्लैब में बदलाव से 40% करदाताओं को सीधा लाभ होगा।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: डिजिटल ट्रांजेक्शन पर छूट से ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूती मिलेगी।
- उच्च आय वर्ग पर अधिक भार: उच्च आय वाले करदाताओं को अतिरिक्त टैक्स देना होगा, जिससे समाज में आय का संतुलन सुनिश्चित होगा।
2025 में इनकम टैक्स नियमों में किए गए बदलाव हर वर्ग के करदाताओं को प्रभावित करेंगे। यह कदम न केवल टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि मध्यमवर्गीय करदाताओं को राहत भी देगा। यदि आप इन बदलावों को ध्यान में रखकर टैक्स प्लानिंग करते हैं, तो आप अपने कर का बोझ कम कर सकते हैं और बचत को अधिकतम कर सकते हैं।